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जीवन हलचल मैं ही हूॅं वो शक्ति स्रोत अपनों ने मारा है मैं अधिकार ग़रीब जंजीरें शोषित मारा चौकीदारी मैं अभिशप्ता....: इंसान

Hindi मैं हूॅं मारा Poems